शेयर मार्केट में किसी भी शेयर का भाव (Price) Demand और Supply के आधार पर बढ़ता या कम होता है। मांग और पूर्ति के आधार पर ही कंपनी के शेयरों का मूल्यांकन होता है।

अगर किसी कंपनी के शेयर की ज्यादा demand होती है और supply कम होती है तो उसके शेयर का प्राइस बढ़ जाता है ठीक इसी प्रकार जब supply ज्यादा होती है और demand कम होती है तो शेयर का प्राइस घट जाता है।
हर कंपनी के शेयर का मूल्य (price) अलग-अलग होता है। हर छोटी बड़ी लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती है जिसमें उसे कभी मुनाफा तो कभी नुकसान होता है और इसीलिए समय के साथ साथ कंपनी के शेयरों में उतार-चढ़ाव आता रहता है। तो जब कंपनी का व्यापार बढ़ता है और कंपनी को मुनाफा होता है तो बहुत सारे इन्वेस्टर्स उस कंपनी के शेयर खरीदने लगते हैं और share का price बढ़ जाता है। ठीक इसके विपरीत जब कंपनी को घाटा (loss) होता है तो लोग उसके शेयर को जल्दी-जल्दी बेचने लगते हैं जिससे शेयर का प्राइस डाउन हो जाता है (ताकि आगे चलकर अगर शेयर का price और कम हो तो उन्हें और ज्यादा नुकसान ना झेलना पड़े)
आइये इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं–
For Example :
2007 से लेकर 2016 तक Reliance Industries के 1 शेयर का प्राइस लगभग ₹500 के आसपास रहता था लेकिन 2016 के बाद जैसे ही जिओ (Jio) लांच होने के बाद कंपनी ने बहुत सारे initiative लिए जिससे इसका व्यापार धीरे धीरे बढ़ता ही चला गया और आज रिलायंस के 1 शेयर की कीमत ₹2000 के आसपास है।
इसीलिए जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा लोग इसके शेयर खरीदते जा रहे हैं इनके शेयर का रेट दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है इसीलिए अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं और आपको नहीं पता कि किस कंपनी के शेयर खरीदें तो आप रिलायंस कंपनी का शेयर खरीद कर शुरुआत कर सकते हैं।

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